संस्कृत में “शतधौत घृत” अर्थात 100 बार धोया गया घी (“Shata ” यानि “सौ”, “Dhauta ” यानि “धोया गया ” और “Ghrita ” मतलब “घी”)
“शतधौत घृत” को अक्सर दक्षिण भारत में “शतधौतघृतम” भी कहा जाता है। लेकिन अधिकतर इसको “शतधौत घृत” के नाम से ही जाना जाता है और कुछ लोग इसको 100 बार धोया गया घी भी कहते हैं।
आयुर्वेद में किसी भी तरह के त्वचा रोग के लिए इसको रामबाण माना गया है और वैज्ञानिक आधार पर इसके सत्यापित प्रमाण भी है।
शतधौत घृत कैसे बनाया जाता है ?
आयुर्वेद के प्राचीन ग्रन्थ “चरक संहिता”, जो कि 400 -200 बी सी में लिखा गया था; जिसके अनुसार इसको तांबे के बर्तन में पूर्णमासी की रात को दिव्य मंत्रो के साथ उच्चारण करते हुए शुद्ध गाय के घी को 100 बार धोया जाता था।
“पंचगव्य शतधौत घृत” ही सिर्फ वह एकमात्र क्रीम है जो त्वचा की अंदरूनी परत तक पहुँच सकती है और उसका पोषण भी कर सकती है।
शतधौत घृत क्रीम की फायदे
जैसा कि पहले बताया गया है, कि यह क्रीम त्वचा कि अंदरूनी तीसरी परत तक पहुँच कर उसको आवश्यकतानुसार पोषण करती है। इसके अलावा इसके और भी निम्न लाभ हैं :
- यदि त्वचा जल जाती है तो इस क्रीम का उपयोग करने से त्वचा को ठंडक और तुरंत आराम मिलता है।
- चिकनपॉक्स या एक्ने होने पर या एक्जिमा और सोराइसिस होने पर इस क्रीम का उपयोग करने से उनके निशान दूर हो जाते हैं।
- एरिसिपलस और हर्पीस (एक तरह का बैक्टीरियल इन्फेक्शन) होने की स्थिति में यह त्वचा को तुरंत लाभ पहुँचता है।
- त्वचा में झुर्रिया नहीं आती और त्वचा को उपयुक्त मात्रा में चिकना रखता है यानि त्वचा के सुंदरता और नमी को और निखरता है ।
- सन-बर्न में यह अत्यधिक लाभकारी है।
- गर्भवती महिलाएं जिनको रक्तस्राव या ब्लड स्पॉट की परेशानी है, तो इसकी नाभि के आसपास हल्की मालिश करने से अत्यंत लाभ होता है।
- किसी भी तरह की स्ट्रेच मार्क को दूर करने में बहुत उपयोगी है।
शतधौत घृत को घर पर कैसे बनाएं ?
- सबसे पहले यह अत्यंत आवश्यक है कि शुद्ध A2 गाय का घी ही उपयोग किया जाए।
- 8 -10 इंच की एक चौड़ी प्लेट ले लें।
- एक गोल पेंदे वाला कटोरा ले लें जिसमें इसको मथा जाए ।
- घी को धोने के लिए शुद्ध पानी लीजिये।
तैयारी :
- 100 ग्राम घी और 100 ग्राम पानी लेकर घी को 100 बार धोएं ।
- प्रत्येक बार 100 रोटेशन या चक्र पूरे होने पर पानी को निकाल कर फिर से इसी विधि को 100 बार दोहराएं। यह थोड़ा मुश्किल है लेकिन उपयुक्त प्रभाव की लिए इस प्रक्रिया को 100 बार अवश्य दोहराएं।
- इसको 100 बार धोने के बाद (100 चक्र x 100 बार = 10000 रोटेशन), यह एक स्मूथ या चिकनी सफ़ेद क्रीम के जैसा हो जाएगा जिसको आप उपयोग कर सकते हैं और लम्बे समय तक स्टोर भी कर सकते हैं।
इसका उपयोग करने का सबसे प्रभावकारी समय सुबह का है और रात को इसको अपने चेहरे आदि पर भी लगा सकते हैं।
इसको आप मॉइस्चराइजर के तरह भी उपयोग कर सकते है और यह ध्यान रहे कि इसको लगाने की बाद आप 15 मिनट बाद हलके गर्म पानी से धो लें ।
2 comments on “शतधौत घृत – प्राचीन आयुर्वेदिक क्रीम”
Vivek
Very effective for skin I myself have used this cream. Good moisturiser
Trupti Mhaske
Yes