शोधकर्ताओं के अनुसार गोमूत्र एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटी इन्फ्लमेट्री और एंटी वायरल है; किसी भी रूप में गोमूत्र के अनेक लाभ हैं।
भारत, नेपाल, म्यांमार और नाइजीरिया में गोमूत्र पीना एक परंपरागत आयुर्वेदिक औषधि माना गया है। आयुर्वेद में यह एक महत्वपूर्ण अंश के रूप में हमेशा से प्रयोग किया जाता रहा है। चरक संहिता में इसका उल्लेख किया गया है जो कि आज के दौर में वैज्ञानिक रूप से भी सिद्ध हो चुका है।
गोमूत्र को शास्त्रों में भी बताया गया है कि यह मानव जीवन के लिए कितना उपयोगी है। आज के समय में यह एक रसायनशास्त्र के रूप में कार्य करता है जो मैक्रो से माइक्रो लेवल तक पोषण देता है।
शोध और प्रयोगों से यह भी सिद्ध हो चुका है कि यह शरीर के वात पित्त और कफ को भी संतुलित रखता है।
गोमूत्र में क्या-क्या है ?
- आयरन, कॉपर
- नाइट्रोजन, सल्फर, मैंगनीज
- कार्बोलिक एसिड, सिलिकॉन, क्लोरीन, मैग्नीशियम
- मेलकी, टाइट्रिक, साइट्रस, सुसरीनिक साइट्रेट
- कैल्शियम साल्ट, केमिकल्स
- मिनरल साल्ट
- विटामिन A , B , C , D , E
- क्रिएटिनिन, हॉर्मोस, यूरिक एसिड
गोमूत्र के क्लीनिकल फायदे
- किडनी, हार्ट और पेट के समस्याओं को दूर करता है
- किडनी और लीवर को साफ़ रखता है और सुचारु रूप से कार्य करता है
- श्वसन तंत्र और नाक से सम्बंधित समस्यों को दूर करता है
- चेतना की क्षमता को बढ़ाता है
- मांस पेशियों को मज़बूत रखता है
- शरीर के कोशिकाओं के मेटाबोलिक मूवमेंट को बढ़ाता है
- सेक्स हार्मोस को प्रोत्साहित करता है जिससे कन्सेप्टिवे सिस्टम में लाभ होता है
- खून को शुद्ध करता है
- महिलाओं के मासिक धर्म में फायदा करता है
- पैंक्रियास की क्षमता को बढ़ाता है
मोटापे के लिए गोमूत्र का प्रयोग
आज के समय में बाजार में वेट लॉस के प्रोडक्ट की भरमार है, जिसमे गोलियां, पाउडर और अन्य चीज़ें हैं जिसके साथ-साथ 100 % साइड इफ़ेक्ट भी हैं। लेकिन गोमूत्र मोटापे के लिए आयुर्वेदिक औषधि है और बिलकुल सुरक्षित भी है। तब गोमूत्र को हल्दी, नागरमोथा, चित्रक, त्रिफला, वायविडंग और त्रिकटु के साथ उचित मात्रा में मिलाया जाता है, तब यह वज़न कम करने के लिए और शरीर को शुद्ध करने के लिए लगभग एक अमृत के सामान है।
गोमूत्र सांस के समस्यायों के लिए
गोमूत्र, जैसा कि पहले भी बताया गया है कि यह कफ नाशक भी है और पाचन तंत्र में भी उपयोगी है, इसके साथ ही यह फेफड़ों को मज़बूत बनता है, और फेफड़ों में बैक्टीरिया को भी निकलता है और उनकी दीवारों को साफ़ रखता है। इससे फेफड़ों के ऑक्सीजन लेने और रोकने के क्षमता, दोनों ही बढ़ जाती हैं।
श्वसन तंत्र के लिए आयुर्वेदिक हर्ब वसाका अत्यंत उपयोगी है और बहुत फायदा करती है, इसके साथ एलर्जी और कफ में लाभ देती है। और यदि इसको गोमूत्र के साथ मिला दिया जाए तो यह सांस के रोगों के लिए रामबाण है।
बी पी में गोमूत्र
गोमूत्र से शरीर के त्रिदोष विकार दूर होते हैं, और सात्विक एनर्जी बढ़ती है, जिससे ब्लड प्रेशर में लाभ होता है। इसके साथ यह कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है।
आयुर्वेदिक हर्ब, जाटमानसी मेमोरी, एकाग्रता, और डिप्रेशन, व्याकुलता और दबाव में बहुत फायदा करता है।
एक और आयुर्वेदिक हर्ब, सदाबहार जो हाई ब्लड प्रेशर में फायदा करती है और खून के बहाव को भी नियंत्रित करती है। गोमूत्र के साथ इसका संगम, ब्लड प्रेशर के पक्का दुश्मन है।
गोमूत्र मानव जीवन में इतना उपयोगी है, इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है।
भारतीय घी कहाँ मिल सकता है ?
100 % शुद्ध, देशी गाय का A2 घी, जो कि वैदिक विधियों से बनाया जाता है, इसको खरीदने के लिए यहाँ क्लिक करें वैसे तो घी हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी है, किन्तु यदि यह गाय का हो तो बिलकुल रामबाण साबित होता है। यह शरीर के हर भाग को जीवंत और स्वस्थ रखता है। इसमें विटामिन A , D , E और K होते हैं। आयुर्वेदिक औषधियों और उपचार में यह बहुत उपयोग किया जाता रहा है। एक एडल्ट इसको 3 चम्मच रोज़ खा सकता है जिसके खाने से शरीर में ताकत, दिमाग में तंदरुस्ती, अच्छे फैट में सयाहक, और शरीर को जीवंतता प्रदान करता है।
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